हरियाणा

राम रहीम की पैरोल पर प्रशासन फूंक-फूंककर रख रहा कदम, कृषि योग्य भूमि का मांगा ब्योरा

सत्यखबर हरियाणा (संदीप चौधरी) – साध्वी यौन शोषण और छत्रपति हत्याकांड में सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम द्वारा कृषि कार्य के लिए पैरोल मांगने को लेकर पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और कृषि भूमि का ब्योरा जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

सिरसा एसपी अरुण सिंह ने एसआईटी सहित एसएचओ सदर और एचएचओ सिटी को इसकी रिपोर्ट तैयार करने की अलग अलग जिम्मेदारी सौंपी है। हालांकि एसआईटी ही पूरी रिपोर्ट का निष्कर्ष तैयार करके एसपी को सौंपेंगी।

क्योंकि डेरे से संबंधित मामलों की जांच एसआईटी कर रही है। ऐेसे में एसआईटी ने राजस्व विभाग को डेरा सच्चा सौदा और डेरा प्रमुख की कृषि भूमि का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने के लिए कहा है। जिससे कि पता किया जा सके कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के पास कृषि योग्य भूमि है भी या नहीं।

प्रशासन के आदेश के बाद राजस्व विभाग ने भी डेरे की प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड को खंगालना शुरू कर दिया है। डेरा या ट्रस्ट की जमीन को डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम की व्यक्तिगत कृषि भूमि नहीं माना जाएगा।

जानकारी अनुसार डेरा सच्चा सौदा के पास करीब 800 एकड़ जमीन है। जिसमें से करीब 250 एकड़ जमीन कृषि योग्य है। इसमें से कुछ रिसर्च सेंटर के नाम पर भी हैं और कुछ डेरा प्रमुख के नाम भी है। इसी प्रकार से पुराने डेरे के पास 25 एकड़ भूमि है, जिसमें से कृषि योग्य भूमि लगभग दस एकड़ है। इसके अतिरिक्त पंजाब, बीकानेर में भी डेरे के पास काफी भूमि है।

ये है मामला
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह की ओर से कृषि कार्य के लिए पैरोल मांगी गई है। सुनारिया जेल अधीक्षक ने इस संबंध में सिरसा के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी है। पूछा गया है कि कैदी गुरमीत सिंह को पैरोल देना उचित होगा या नहीं? इस बारे में जिला प्रशासन अपनी सिफारिश आयुक्त रोहतक को भेजेंगे।

जानकारी अनुसार रोहतक जेल अधीक्षक द्वारा पैरोल के बारे मांगी गई रिपोर्ट में डेरा प्रमुख पर सीबीआई कोर्ट द्वारा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में भी दोषी करार दिए जाने के अलावा दो अन्य मामले लंबित होने का भी उल्लेख किया गया है।

पत्र में बताया गया है कि कैदी गुरमीत सिंह का जेल में आचरण अच्छा है और उसने जेल में कोई अपराध भी नहीं किया है। अब जिला प्रशासन को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल को लेकर अपनी अनुशंसा सौंपनी है। प्रशासन को यह आकलन करना होगा कि डेरा प्रमुख की पैरोल के लिए अनुशंसा की जाए या नहीं।

दो मामलों में सजा काट रहा है राम रहीम
राम रहीम को सीबीआई कोर्ट द्वारा 25 जुलाई 2017 को दो साध्वियों के साथ यौन शोषण का दोषी करार दिया गया था। सीबीआई कोर्ट ने 28 अगस्त को दोनों मामलों में उन्हें 10-10 साल की कैद और 15-15 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके अतिरिक्त सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में भी सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को दोषी करार दिया था।

हत्या के इस मामले में कोर्ट ने गुरमीत सिंह को आजीवन कठोर कारावास और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके अतिरिक्त डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के दो मामले कोर्ट में ट्रायल पर हैं। इनमें एक रणजीत सिंह हत्या का और दूसरा डेरा प्रेमियों के अंडकोष निकालने का है।

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